
अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर किया साहित्यकारों का सम्मान
अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ इकाई द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार नंदकिशोर निर्झर ने की। वहीं मुख्य अतिथि डॉक्टर सुशीला लड्ढा रही। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि एम अकादमी के निदेशक शेखर कुमावत रहे। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। परिषद गीत शिखा झा ने प्रस्तुत किया। अतिथियों का परिचय एवं स्वागत प्रांत मीडिया प्रभारी राकेश चौधरी ने किया। इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ साहित्यकार अब्दुल जब्बार, शिव मृदुल एवं डॉक्टर रमेश मयंक का अतिथियों ने शॉल, ऊपरना, तुलसी माला, श्रीफल एवं गीता पुस्तक साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में सीमा पारीक ने “धन-धन चित्तौड़ री माटी”, पंकज सरकार ने भक्ति गीत “मुझको भी तू पार करा दे यह वैतरणी धार”, सुनील बाटु ने ” गर मेरे सर पर पिता का साया होता “, डॉ प्रतिभा तिवारी ने “गुरु से आया मान जीवन में”, कवि भरत व्यास ने ” कहीं पत्थर, कहीं रोड़ा, कहीं भगवान सा हूँ मैं “, राकेश राजगुरु ने सुना है तुम हर चीज का हिसाब किताब रखती हो”, कवि अब्दुल सत्तार ने गुरु के गुणगान में “शब्द के शिल्पी है, जिनके पास गंगा ज्ञान की”, डॉक्टर इंदिरा बल्दवा ने “नारी तेरे बलिदान का गुणगान करेंगे”, अंकिता पंचोली ने “हर संकट का हल होगा”, कवि अब्दुल जब्बार ने “स्वर्ग से सुंदर अपना चित्तौड़ धाम” गीत पढ़ कर श्रोताओं की तालियां बटोरी। मनोज मंडेला ने बचपन में याद की कवि अब्दुल जब्बार की कविता का पाठ किया। शिव मृदुल ने अपनी कविता मैं छोटा था तो सुखी था अब बड़ा हुआ तो सूखी हो गया, उम्र के साथ उ की मात्रा छोटी से बड़ी हो गई” का पाठ किया। सीमा पारीक ने अपनी राजस्थानी कविता को मायड भाषा में पढ़ा।
अनिल दक ने बच्चों के बीच कविता पहुंचे ऐसा प्रयास करने की अपनी बात रखी। अध्यक्षता कर रहे नंद किशोर निर्झर ने अपने उद्बोधन में कहा कि चित्तौड़ में भी साहित्यिक कार्यक्रम प्रति माह हो ऐसा प्रयास होना चाहिए।विशिष्ट अतिथि एम अकेडमी के निदेशक शेखर कुमावत ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षा की बहुत दुर्गति हुई। इसी पर अपनी पहली स्वरचित कविता भैंस चराउं का पाठ किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर सुशीला लड्ढा ने अपने उद्बोधन में गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि माँ ही प्रथम गुरु होती है और गुरु पूर्णिमा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि गुरु ही पूर्ण माँ है। डॉक्टर रमेश मयंक ने “ले दीपक हाथ में गुरु ने ज्ञान दे सँवारा है” का पाठ कर गुरु की महिमा का बखान किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रांत कोषाध्यक्ष पंकज कुमार झा सरकार ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन इकाई अध्यक्ष डॉक्टर प्रतिभा तिवारी ने किया। कार्यक्रम का समापन डॉक्टर इंदिरा बल्दवा द्वारा कल्याण मंत्र के साथ किया गया। इस अवसर पर निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष मनोज मंडेला, हरि ओम दीक्षित, वेद प्रकाश पंचोली, बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, भरत व्यास, सुनील बाटू, अब्दुल सत्तार अनिल दक, ललित झा, अंकिता पंचोली, शिखा झा, सीमा पारीक, वीणा झा, राधा किशन साहू शाहिद अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
डॉ प्रतिभा तिवारी
अध्यक्ष
अखिल भारतीय साहित्य परिषद
चित्तौड़गढ़