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शादी का झांसा देकर बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी को 10 साल का कठोर कारावास

शादी का झांसा देकर बलात्कार कर युवती को आत्महत्या के लिए विवश करने के मामले में कोर्ट ने मृत्यु पूर्व कथन को महत्वपूर्ण दस्तावेज मानते हुए आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास से दंडित कियाl मामले में कोतवाली चित्तौड़गढ़ में दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज किया था। अपर लोक अभियोजक अब्दुल सत्तार खान ने बताया कि मामला अप्रैल 2021 का है। जूना बाजार सिपाही मोहल्ला के एक वृद्ध ने 13 अप्रैल को रिपोर्ट दी जिसमें बताया कि उसकी पुत्री ने सद्दाम पुत्र मोहम्मद हुसैन से परेशान होकर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मृत्यु पूर्व बयान में उसने आरोप लगाया कि किला कस्बा चौकी के पीछे रहने वाले सद्दाम हुसैन पुत्र बबलू शाह उर्फ मोहम्मद हुसैन मेवाती ने शादी का झांसा देकर उससे दुष्कर्म किया तथा ब्लैकमेल करते हुए हजारों रुपए ऐंठ लिए। जब उसे शादी के लिए कहा तो आरोपी ने शादी करने से इनकार कर दिया जिससे दुखी होकर उसकी पुत्री ने जहरीला पदार्थ खा लिया। मामले में अपर लोक अभियोजक द्वारा 24 गवाह पेश करने के साथ 46 दस्तावेज प्रदर्शित किये गए। पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार बेरवा ने आज सुनाए अपने फैसले में मृतका के माता-पिता और भाई के बयान, मेडिकल साक्षी और अनुसंधान अधिकारी की गवाही को महत्वपूर्ण माना। साथ ही मृतका के मृत्यु पूर्व के कथनों को महत्वपूर्ण दस्तावेज मानते हुए कहा कि जीवन के अंतिम समय में कोई व्यक्ति झूठ को अपने मुंह में लेकर नहीं जाता। उस समय मरने वाला व्यक्ति सत्य ही बोलता है। इन सब तथ्यों के आधार पर पीठासीन अधिकारी ने आरोपी को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 306 के अंतर्गत 10 साल का कारावास और 25000 को जुर्माना तथा 376 के अंतर्गत 7 साल का कठोर कारावास और ₹25000 का जुर्माना सुनाया।

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