मरने से पहले दिए बयान को महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए आरोपी को 10 वर्ष कठोर कारावास कि सजा सुनाई
चित्तौड़गढ़, 12 जुलाई 2024 , युवती के मृत्यु पूर्व हुए मृत्यु कालीन कथन पर विश्वास कर विचारण न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक 2 चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार बेरवा ने आरोपी सद्दाम हुसैन पिता बबलू शाह उर्फ मोहम्मद हुसैन जाति मेवाती शाह मुसलमान उम्र 23 वर्ष निवासी किला कस्बा चौकी के पीछे चित्तौड़गढ़ को दोषी मानते हुए सजा सुनाई !
मुलजिम पर आरोप था कि युवती को शादी का झांसा देकर आरोपी ने हजारों रुपए लेने के साथ ही उसे होटल में ले जाकर उसका यौन शोषण कर ब्लैक मेल करता रहा ओर बाद मैं युवती /मृतका को शादी से मना करने पर उसने सेलफोस की गोलियां खा ली ,जिसकी अस्पताल में मृत्यु कालीन कथन देने के पश्चात दौराने इलाज हुई मृत्यु हो गयी !
अपर लोक अभियोजक संख्या 2 चित्तौड़गढ़ के अनुसार मृतका युवती के पिता प्रार्थी मोहम्मद रमजानी पिता फकीर मोहम्मद जाती मेवाती मुसलमान उम्र 61 साल निवासी मस्जिद के पास, जूना बाजार ,सिपाही मोहल्ला चित्तौड़गढ़ ने सांवलिया चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ में दिनांक 13 4 2021 को एक लिखित रिपोर्ट इस आशय की दी की.. उसे आज सूचना मिली कि उसकी पुत्री यासमीन ने जहरीली वस्तु खाने से उसे उल्टी हुई है, सूचना पर घर पहुंचा तो यासमीन ने बताया कि मुझे सद्दाम पुत्र मोहम्मद हुसैन @ बबलू दीन से परेशान हो गई हूं वह मुझे ब्लैकमेल करता है उसने मेरे से फर्दन फर्दन 70 -80 हजार रुपए घर से मंगवा लिए और होटल में मुझे ले जाकर मेरे साथ कई बार बलात्कार किया तथा बार-बार ब्लैकमेल करने से उसने सेल्सफोस गोलियां खाली है ,यासमीन को इलाज हेतु अस्पताल लेकर आए जहां दोराने इलाज उसकी मृत्यु हो गई…. रिपोर्ट पर कोतवाली चित्तौड़गढ़ में धारा 306,376 भारतीय दंड संहिता में मुकदमा दर्ज किया गया !
घटना दिनांक 13 अप्रैल 2021 को प्रकरण का महत्वपूर्ण तथ्य यह रहा की मुकदमा दर्ज होने के पूर्व ही अस्पताल में इलाजरत पीड़िता यासमीन का मृत्यु पूर्व पर्चा बयान पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर की स्वीकृति की पश्चात उप निरीक्षक राजेश कसाना ने लेखबद्ध किए, जिसमें भी पीड़िता ने आरोपी सद्दाम द्वारा ब्लैकमेल करने की वजह से सेल्फास की गोलियां खाने का आरोप लगाया !
पर्चा बयान के वक्त मौजूद अस्पताल चौकी पर तैनात विजयलक्ष्मी महिला कांस्टेबल ने लिए गए पर्चा बयान की अपने मोबाइल से रिकार्ड कर सीडी बनाकर अनुसंधान अधिकारी को सौंपी !
कस्बा चौकी के पास एक ही मकान में निवासरत आरोपी सद्दाम और युवती यासमीन अपने-अपने परिवार जनों के साथ निवास करने के दौरान आपस में प्यार हो जाने और आरोपी से शादी करने का भरोसा मिलने और बाद में आप आरोपी के शादी से मना करने से वह भरोसा टूट जाने से पीड़िता ने सेल्फास खा लेने का कदम उठाया ¡
मृतका यासमीन ने मृत्यु पूर्व दिए कथनों को विचरण न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण दस्तावेज माना गया और माननीय उच्चतम न्यायालय के विचार को प्रतिपादित करते हुए लिखा कि “जीवन के अंतिम समय मे कोई व्यक्ति झूठ को अपने मुहँ मैं लेकर नहीं जाता है , उस समय मरने वाला व्यक्ति सत्य ही बोलता है” I
विचारण न्यायालय ने अभियोजन के गवाहों में से मृतका के माता-पिता ,भाई , मेडिकल साक्षी, अनुसंधान अधिकारी की गवाही को भी महत्वपूर्ण माना ,अपर लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत 24 गवाह, 46 दस्तावेज का अवलोकन करने के पश्चात बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अपने महत्वपूर्ण निर्णय में विचारण न्यायालय ने आरोपी सद्दाम हुसैन को धारा 306 आईपीसी मैं वर्ष 10 का कठोर कारावास और ₹25000 जुर्माना एवं धारा 376 आईपीसी में 7 वर्ष का कठोर कारावास और ₹25000 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया !