रामस्नेही संप्रदाय के रामद्वारा चित्तौड़गढ़ के संत श्री रमता राम जी एवं श्री दिग्विजय राम जी का इस वर्ष चातुर्मास रामद्वारा चित्तौड़गढ़ में रखा गया है।
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रामस्नेही संप्रदाय के रामद्वारा चित्तौड़गढ़ के संत श्री रमता राम जी एवं श्री दिग्विजय राम जी का इस वर्ष चातुर्मास रामद्वारा चित्तौड़गढ़ में रखा गया है।

रामस्नेही संप्रदाय के रामद्वारा चित्तौड़गढ़ के संत श्री रमता राम जी एवं श्री दिग्विजय राम जी का इस वर्ष चातुर्मास रामद्वारा चित्तौड़गढ़ में रखा गया है। इस वर्ष चातुर्मास में दिनांक 21 तारीख से 17 सितंबर तक श्री शिव पुराण कथा का आयोजन राम द्वारा चित्तौड़गढ़ में प्रतिदिन प्रातः 10 से 11:00 तक रखा जाएगा। 21 जुलाई को विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। श्री दिग्विजय राम जी ने बताया कि यह श्रावण महीना विशेष है कई वर्षों में ऐसा संयोग मिला है जब श्रावण महीने में पांच सोमवार आ रहे हैं। श्रावण महीने में शिव पुराण कथा सुनने का विशेष महत्व होता है। चातुर्मास ऐसा समय होता है जब भगवान शयन करते हैं भारतीय संस्कृति की पौराणिक मान्यता के अनुसार इस समय में की गई भक्ति शक्ति प्रदान करती है दान पुण्य यह सभी चातुर्मास में विशेष महत्व रखते हैं इसलिए चातुर्मास में सत्संग के साथ-साथ सभी प्रकार के परोपकार के कार्य करने चाहिए। चातुर्मास का अर्थ है चतुर जनाराम मास अर्थात जो भक्तिवान लोग हैं उनके लिए यह महीने भक्ति के लिए विशेष होते हैं इस वर्ष श्रावण महीने में भगवान शंकर की भक्ति का विशेष महत्व शिव पुराण के माध्यम से रामद्वारे में संतों के द्वारा प्रतिपादित किया जाएगा।

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